गंगा विश्वशांति सद्भावना धाम, देवघर
एक श्रद्धा और सेवा की यात्रा
हमारी शुरुआत
यह कहानी वर्ष 2015 से प्रारंभ होती है, जब श्री अमरेश कुमार उर्फ पप्पू जी ने बेगूसराय में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करवाया। इस दिव्य आयोजन में डॉ. दुर्गेश आचार्य जी महाराज ने भावपूर्ण प्रवचन दिए। उसी समय अमरेश जी ने देवघर, झारखंड में राधा-कृष्ण मंदिर के निर्माण हेतु भूमि दान करने का संकल्प लिया — और उन्होंने यह संकल्प पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाया।
हालांकि, भूमि दान के बाद भी मंदिर का निर्माण तत्काल प्रारंभ नहीं हो सका। लगभग पाँच वर्ष यह कार्य स्थगित रहा।
एक नई शुरुआत — लॉकडाउन में मिली प्रेरणा
साल 2020, जब संपूर्ण देश लॉकडाउन में था, उसी दौरान यह विचार फिर से जागृत हुआ कि मंदिर निर्माण कार्य को पुनः प्रारंभ किया जाए। इस बार देवघर के स्थानीय निवासियों ने इस कार्य में भरपूर उत्साह और सहयोग दिखाया।
जनवरी 2021 के पश्चात मंदिर निर्माण कार्य ने गति पकड़ी।
एक ट्रस्ट का निर्माण — सेवा के संकल्प के साथ
इस पवित्र कार्य को एक संगठित रूप देने हेतु एक ट्रस्ट की स्थापना की गई, जिसका नाम गुरुजी द्वारा रखा गया —
हमारे प्रेरक सहयोगी
इस मंदिर को आगे बढ़ाने में केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि कई समर्पित लोगों का योगदान रहा है। विशेष रूप से निम्न महानुभावों ने हर समय तन-मन-धन से मंदिर की प्रगति में भागीदारी निभाई:
हमारा उद्देश्य
गंगा विश्वशांति सद्भावना धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि मानवता, सेवा और धर्म का केंद्र है। हमारे ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य है:
- निर्धनों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराना
 - गरीब कन्याओं के विवाह में सहायता करना
 - गौ सेवा को प्रोत्साहित करना
 - धर्म और आध्यात्मिकता का समाज में विस्तार करना
 
सेवा और श्रद्धा का प्रतीक
आज यह धाम निरंतर सेवा, भक्ति और सामाजिक उत्थान के मार्ग पर अग्रसर है। यह स्थान उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो धर्म, करुणा और मानव सेवा में विश्वास रखते हैं।